Uttrayan 2022 (उत्तरायण 2022)

हिंदू धर्म में सूर्य का दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर गमन करना बेहद शुभ माना गया है। और सूर्य का उत्तर दिशा की ओर गमन उत्तरायण कहलाता है। उत्तरायण 2022 (Uttrayan 2022) 14 जनवरी से शुरू होता है। इस दिन को मकर सक्रांति भी कहते है। हिन्दू धर्म में इस दिन का बहुत महत्त्व है। उत्तरायण का शाब्दिक अर्थ है उत्तर की ओर गमन (Uttrayan Meaning in hindi).

ऐसी मान्यता है की उत्तरायण काल शुभ फल देने वाला होता है। गुजरात और महाराष्ट्र में यह त्यौहार उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है। उत्तरायण का दिन पतंग उड़ाने से मनाया जाता है. राज्य भर में पतंगबाजी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है तथा इस दिन कई तरह के खास पकवान बनाए जाते हैं. उंधियू, तिल, मूंगफली और गुड़ से बनी चिक्की तो खूब बनाई जाती है।

उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा जाता है इसलिए समय में लोग नए कार्य, यज्ञ व्रत, अनुष्ठान, विवाह, मुंडन जैसे कार्य करना शुभ मानते है। उत्तरायण के मौके पर गंगा और यमुना नदी में स्नान करना शुभ होता है।

Uttrayan-2022

हिंदू धर्म में उत्तरायण का महत्व ( Importance of Uttrayan )

हिंदू धर्म में सूर्य का दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर जाना बहुत शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जब सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर चलता है, इस दौरान सूर्य की किरणों को खराब होती है, लेकिन जब सूर्य पूर्व से उत्तर की ओर बढ़ने लगता है, तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं। और इस समय सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, इसलिए इसे मकर संक्रांति भी कहते है, तथा गुजरात में इसे उत्तरायण कहते है।

जो कि हिंदू धर्म का मुख्य त्यौहार है। उत्तरायण के बाद ऋतु और मौसम में बदलाव होने लगते है। इसके फलस्वरूप शरद ऋतु धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है। उत्तरायण की वजह से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं।

उत्तरायण पर बनाते है खास पकवान

इस के दिन कई तरह के खास पकवान बनाए जाते हैं. उंधियू, तिल के लड्डू, मूंगफली और गुड़ से बनी चक्की तो खूब बनाई जाती है। सबसे खास उत्तरायण पर बनाई जाती है वो है ‘खिचड़ा’. ये खिचड़ी जैसा ही होता है बस इसमें चावल व दाल के साथ कई तरह की सब्जिया भी डाली जाती है। जो सेहद के लिए बहुत अच्छा होता है। तथा खिचड़ा पचाने में थोड़ा समय लगता है इसलिए इसे सर्दियों में खाना ही सही रहता है. यह शरीर को भरपूर मात्रा में एनर्जी देता है।

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उत्तरायण 2022 (Uttrayan 2022) काल में होने वाले वैदिक कर्म कांड

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण काल को शुभ फल देने वाला माना गया है। तथा सकारात्मकता का प्रतिक माना गया है। तथा दक्षिणायन काल को नकारात्मकता का प्रतीक माना गया है।

  • मकर संक्रांति उत्तरायण काल का पहला दिन होता है इसलिए इस दिन स्नान, दान, और पुण्य करना शुभ होता है।
  • उत्तरायण काल को ऋषि मुनियों ने जप, तप और सिद्धि प्राप्त करने के लिए शुभ माना है।
  • उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है।
  • 6 महीने का समय उत्तरायण काल होता है। और इन्ही 6 महीनो में सभी शुभ कार्य किये जाते है।
  • उत्तरायण काल में गृह प्रवेश,विवाह संस्कार और मुंडन आदि शुभ माना जाता है।

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