शिव परिवार… एक अन्वेषण

ऊँ नमः शिवाय

मैं शिवांश आपसे पहली बार रुबरु हो रहा हूँ॥ शिव परिवार एक ऐसी संस्कृति का नाम है।जहां गृहस्थ आश्रम का निर्वाह प्रेम से सर्वोपरी है॥ जहाँ से नियम संयम सेवा सहिष्णुता का हमें ज्ञान प्राप्त होता है॥ जहाँ शिव शक्ति अर्द्ध नारेश्वर है॥

जहाँ सिद्धीविनायक गणेश जिनका वाहन मुशक और शिव के गले का हार नागराजा वासुकी जो प्रकृति में एक दूसरे के जानी दुश्मन है फिर भी आपसी प्रेम के परिचायक है॥ ऐसे ही शिव परिवार के सभी सदस्य जैसे मोर नंदी सिंह एक दूसरे के लिए विरोधाभासी है॥ फिर भी सभी शिव परिवार की प्रेममयी परंपरा का निर्वाह करते हैं॥

हम भी सभी शिव परिवार से प्रेम की परिभाषा सीखकर अपने परिवार को शिव परिवार के समतुल्य बनाने का प्रयास कर शिव शक्ति को संपूर्ण कर्म समर्पित कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करे॥
हमारे हाथों में संपुर्ण सृष्टि समायी है॥

कराग्रे बसते लक्ष्मी नारायण
मुले ब्रह्मा सरस्वती
मध्ये शिव शक्ति स्थितौ
प्रभाते कर दर्शनम्
ऊँ नमः शिवाय

ईस संसार के सभी जीव शिव का ही अंश है॥ संपुर्ण सृष्टि शिव का अंग है॥
शिव स्वरूप ब्रह्मा जी ने ईस स्रष्टी का निर्माण किया जो तत्व स्वरूप है॥
शिव स्वरूप विष्णु जी पालनहार है॥
जो प्राणस्वरूप है॥ उर्जा स्वरूप है॥

माँ आदि शक्ति हमारी आत्मा है॥
जो हमारा आनंद स्वरूप है
हमारा मेगनेटिक पावर है॥
हमारी शक्ति है॥

ऊँ त्रयम्बकम् यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात॥

ऊँ नमः शिवाय शंभवे सर्वे शाय नमो नमः॥ ऊँ शान्ति शान्ति शान्ति

SOCIAL MEDIA पर जानकारी शेयर करे

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *