Category: आरती संग्रह

श्री कृष्ण जी की आरती

आरती कुंज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की। गले में वैजयंती माला, बजावे मुरली मधुर बाला, श्रवण में कुंडल झलकाला, नंद के आनंद, मोहन ब्रज चंद, परम आनंद, राधिका रमन बिहारी की। श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की।आरती कुंज बिहारी, श्री...

हनुमान जी की आरती

आरती कीजे हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। जाके बल से गिरीवर कांपे, रोग दोष जाके निकट न झांकै। अंजनि पुत्र महाबल दाई, संतन के प्रभु सदा सहाई। दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारी सिया सुधि लाये। लंका सो कोट...

शिव जी की आरती

ऊँ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा, ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा। ऊँ हर हर हर महादेव… एकानन चतुरानन पंचानन राजे, हंसासन गरुड़ासन बृषवाहन साजे। ऊँ हर हर हर महादेव… दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज ते सोहे, तीनों रुप...

जगदीश जी की आरती

ऊँ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे, भक्त जनो के संकट क्षण में दुर करे । ऊँ जय जगदीश हरे… जो ध्यावे फल पावे दु:ख विनसै मनका, सुख संपत्ति घर आवे कष्ट मिटे तनका।ऊँ जय जगदीश हरे… मात पिता तुम...

श्री गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा। जय गणेश— एक दंत दयावंत चार भुजा धारी, मस्तक सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी| जय गणेश— अंधन को आंख देते कोढ़िन को काया, बांझन को पुत्र देत निर्धन को...